बुधवार, 25 मई 2016

छद्म




यह तुम हो या कोई बूँदों सा रूप धरा है 
मेरे लिए तो तुम्हारा  हर छद्म उन्मादपूर्ण है ...

- निवेदिता दिनकर   
  २५/०५/२०१६ 

फोटो क्रेडिट्स : मेरे आँखों से,  ट्रैन से गुजरते हुए भीगी भागी बूँदों के साथ कुछ सुखद पल   

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (27-05-2016) को "कहाँ गये मन के कोमल भाव" (चर्चा अंक-2355) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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