बुधवार, 17 दिसंबर 2014

आक्रोश




कल जो पीड़ा से गुजरी, आज आक्रोश से गुजर रही हूँ...

क्रूर जानवर भी नहीं कर सके ऐसी बर्बरता,
जघन्यता को लांघ चुकी ऐसी कायरता,
जानवर कहकर जानवरों को नहीं कर सकते कलंकित …
कौन से सुरंग में आखिर जा रही यह मानवता।

- निवेदिता दिनकर
  17/12/2014

फोटो मेरे द्वारा कैमरे में कैद "छुट्टी के दौरान स्कूल से निकलते बच्चें ",  लोकेशन भीमताल  

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